Market Outlook: चार दिन की तेजी के बाद बाजार गिरावट के साथ बंद, 1 जुलाई को कैसी रह सकती है बाजार की चाल?

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भारतीय शेयर बाजार में लगातार चार दिनों की तेजी के बाद शुक्रवार को निवेशकों को गिरावट का सामना करना पड़ा। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों इंडेक्स लाल निशान पर बंद हुए, जिससे अगले कारोबारी सत्र के लिए निवेशकों में सतर्कता का माहौल बन गया है। अब सबकी नजर 1 जुलाई की ट्रेडिंग पर टिकी हुई है।

बाजार में क्यों आई गिरावट?

मुनाफावसूली, वैश्विक संकेतों में कमजोरी और कुछ सेक्टर्स में बिकवाली ने बाजार की तेजी को थाम दिया। आईटी, फार्मा और मेटल शेयरों में दबाव देखा गया, वहीं बैंकिंग और ऑटो सेक्टर ने कुछ हद तक सहारा दिया।

विदेशी निवेशकों की रणनीति में बदलाव

FII (विदेशी संस्थागत निवेशक) पिछले कुछ दिनों से खरीदारी कर रहे थे, लेकिन शुक्रवार को उनमें भी सतर्कता दिखी। डॉलर की मजबूती और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में उतार-चढ़ाव ने उनके मूड को प्रभावित किया।

1 जुलाई को कैसी रह सकती है बाजार की चाल?

विश्लेषकों का मानना है कि 1 जुलाई को बाजार सीमित दायरे में रह सकता है। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। वैश्विक संकेत और कच्चे तेल की कीमतें भी अहम भूमिका निभाएंगे।

निवेशकों को क्या रणनीति अपनानी चाहिए?

ऐसे समय में निवेशकों को गुणवत्ता वाले शेयरों में धीरे-धीरे निवेश करना चाहिए। ट्रेडिंग करते समय स्टॉपलॉस का इस्तेमाल जरूरी है। साथ ही बाजार की चाल पर नजर बनाए रखना जरूरी होगा, खासकर विदेशी बाजारों के संकेतों पर।

निष्कर्ष: चार दिनों की तेजी के बाद बाजार में आई गिरावट यह संकेत देती है कि निवेशकों को अब और सतर्क रहने की जरूरत है। 1 जुलाई को बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है, लेकिन दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह मौका भी हो सकता है। समझदारी और विवेक के साथ लिया गया फैसला ही लाभदायक होगा।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। इसमें दी गई जानकारी निवेश सलाह नहीं है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।

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