FII vs DII: विदेशी निवेशकों ने की ₹1,264 करोड़ की बिकवाली, घरेलू निवेशकों ने ₹3,041 करोड़ की खरीद से बाजार को संभाला

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भारतीय शेयर बाजार में एक बार फिर से विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली हावी रही। शुक्रवार को FII ने कुल ₹1,264 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की। वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों की अनिश्चितता, डॉलर की मजबूती और भू-राजनीतिक तनाव जैसे कारकों ने विदेशी निवेशकों को भारत जैसे उभरते बाजारों से दूरी बनाने पर मजबूर कर दिया है।

घरेलू निवेशकों ने बाजार को दिया मजबूती का सहारा

जहां एक ओर विदेशी निवेशकों ने बाजार से पैसा निकाला, वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने जोरदार खरीदारी कर बाजार को स्थिर बनाए रखने की कोशिश की। आंकड़ों के मुताबिक DII ने शुक्रवार को ₹3,041 करोड़ रुपये की नेट बायिंग की, जिससे बाजार को गिरावट से बचने में मदद मिली। यह दर्शाता है कि भारतीय निवेशक अभी भी इक्विटी मार्केट में विश्वास दिखा रहे हैं, खासकर लॉन्ग टर्म दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए।

FII-DII के आंकड़ों में अंतर से क्या मिला संकेत?

FII और DII के निवेश पैटर्न में आए इस बड़े अंतर से यह साफ संकेत मिलता है कि विदेशी निवेशक फिलहाल सतर्क हैं, जबकि घरेलू निवेशकों का भरोसा बाजार पर बना हुआ है। इससे बाजार को वोलैटिलिटी से कुछ हद तक राहत मिली है, लेकिन यह स्थिति ज्यादा दिन तक बनी रहेगी या नहीं, यह आने वाले हफ्तों में स्पष्ट होगा।

किस सेक्टर में रही बिकवाली और कहां हुई खरीदारी?

विदेशी निवेशकों ने मुख्य रूप से टेक्नोलॉजी, बैंकिंग और मिडकैप सेगमेंट में मुनाफावसूली की। दूसरी ओर, घरेलू निवेशकों ने इंफ्रास्ट्रक्चर, फार्मा और डिफेंस संबंधित कंपनियों के शेयरों में रुचि दिखाई। इससे इन सेक्टर्स में कुछ मजबूती देखने को मिली और इंडेक्स पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ा।

विशेषज्ञों की राय: बाजार में बना रहेगा संतुलन या बढ़ेगा दबाव?

शेयर बाजार के जानकारों का मानना है कि जब तक FII की बिकवाली थमती नहीं, तब तक बाजार पर एक मनोवैज्ञानिक दबाव बना रहेगा। हालांकि घरेलू निवेशकों की तरफ से लगातार आ रही खरीदारी बाजार को सपोर्ट देती रहेगी। यदि रिटेल निवेशक SIP और DII का भरोसा बनाए रखते हैं, तो बाजार की गिरावट सीमित रह सकती है।

निष्कर्ष: इस घटनाक्रम से यह साफ हो गया है कि भारत के खुदरा और संस्थागत निवेशक अब बाजार की रीढ़ बनते जा रहे हैं। जहां ग्लोबल अनिश्चितताओं के बीच FII पीछे हट रहे हैं, वहीं भारतीय निवेशक बाजार को स्थिरता प्रदान कर रहे हैं। यह ट्रेंड भारत की आर्थिक मजबूती और निवेशकों के आत्मविश्वास का संकेत है।

Disclaimer: यह लेख सिर्फ सूचनात्मक उद्देश्य से तैयार किया गया है। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है। निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेना उचित रहेगा।

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