US के ईरान पर हमले की आशंका से बाजार में करेक्शन मुमकिन, एक्सपर्ट बोले – खपत वाले शेयर दिखा रहे ताकत

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ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव को लेकर वैश्विक बाजारों में बेचैनी का माहौल है। जानकारों का मानना है कि अगर US ईरान पर सैन्य कार्रवाई करता है, तो इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखने को मिल सकता है। इसके चलते बाजार में एक स्वाभाविक करेक्शन संभव है, जो निवेशकों के लिए सतर्कता का संकेत है।

किन सेक्टर्स में दिख रही है मजबूती?

भले ही वैश्विक घटनाएं बाजार में अस्थिरता लाएं, लेकिन कुछ सेक्टर ऐसे हैं जो स्थानीय खपत और मांग पर आधारित होने के कारण सुरक्षित माने जाते हैं। FMCG, Auto, Retail और Healthcare जैसे सेक्टर्स में फिलहाल मजबूती देखी जा रही है। इन कंपनियों की कमाई घरेलू बिक्री पर निर्भर करती है, जिससे इनका सीधा असर अंतरराष्ट्रीय तनावों से कम होता है।

कैपिटल मार्केट थीम से दूरी बनाना बेहतर

एक्सपर्ट्स की सलाह है कि मौजूदा माहौल में Capex आधारित थीम्स या लॉन्ग टर्म इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स से जुड़े शेयरों से दूरी बनाना समझदारी होगी। ऐसे स्टॉक्स में गिरावट का जोखिम ज्यादा है क्योंकि ये सीधे तौर पर ब्याज दर, कच्चे तेल की कीमतों और फंडिंग की स्थिति से प्रभावित होते हैं।

मौके में छिपा है फायदा

हालांकि करेक्शन एक खतरे की तरह दिख सकता है, लेकिन अनुभवी निवेशकों के लिए यह एक एंट्री पॉइंट बन सकता है। यदि बाजार नीचे आता है, तो मजबूत फंडामेंटल्स वाले उपभोक्ता आधारित शेयरों में निवेश एक रणनीतिक निर्णय हो सकता है।

निष्कर्ष: अगर अमेरिका-ईरान तनाव और बढ़ता है, तो बाजार में करेक्शन देखने को मिल सकता है। ऐसे में सतर्क रहना जरूरी है, लेकिन खपत-आधारित शेयर निवेशकों को स्थिरता और संभावित रिटर्न दे सकते हैं। वहीं, कैपिटल थीम्स से दूरी बनाना फिलहाल समझदारी भरा कदम रहेगा।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्य से है। निवेश करने से पहले कृपया किसी अधिकृत वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है।

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