PNB मैनेजर गिरफ्तार: 183 करोड़ की बैंक गारंटी घोटाले में CBI की बड़ी कार्रवाई

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सीबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक के एक वरिष्ठ शाखा प्रबंधक को 183 करोड़ रुपये की फर्जी बैंक गारंटी जारी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह घोटाला तब उजागर हुआ जब बैंक की आंतरिक जांच में अनियमितताओं के संकेत मिले। एजेंसी ने कहा है कि आरोपी ने जानबूझकर नियमों को दरकिनार करते हुए कई गारंटी जारी की थीं, जो असली दस्तावेजों पर आधारित नहीं थीं।

CBI की छापेमारी और केस डिटेल्स

सीबीआई की टीम ने आरोपी के घर और बैंक शाखा पर छापा मारकर कई दस्तावेज जब्त किए हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह गारंटी कुछ निजी कंपनियों के पक्ष में जारी की गई थी, जिनकी वैधता पर भी सवाल उठ रहे हैं। इस मामले में अन्य बैंक अधिकारियों और कंपनियों की भी भूमिका की जांच की जा रही है।

बैंकिंग सेक्टर की साख पर बड़ा सवाल

इस घटना से एक बार फिर बैंकिंग सेक्टर की साख और ऑडिटिंग प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं। पीएनबी पहले भी नीरव मोदी जैसे हाई-प्रोफाइल घोटालों का सामना कर चुका है, जिससे उसकी छवि पर गहरा असर पड़ा था। अब इस नए मामले ने फिर से बैंकिंग नियामकों को सतर्क कर दिया है।

न्यायिक प्रक्रिया और अगला कदम

आरोपी को विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया जहां उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। आने वाले दिनों में इस घोटाले से जुड़े और लोगों की गिरफ्तारी संभव है। साथ ही, सीबीआई इस घोटाले की पूरी श्रृंखला को उजागर करने में जुटी हुई है।

निष्कर्ष: PNB मैनेजर की गिरफ्तारी ने एक बार फिर दिखाया कि बैंकिंग सिस्टम में पारदर्शिता और मजबूत ऑडिट प्रक्रिया की कितनी जरूरत है। यदि ऐसी लापरवाहियों पर समय रहते लगाम न लगाई जाए, तो इससे पूरे वित्तीय सिस्टम की विश्वसनीयता प्रभावित हो सकती है।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी जांच एजेंसियों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। जांच जारी है और अंतिम निष्कर्ष आने तक सभी आरोपितों को निर्दोष माना जाएगा।

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