
भारतीय Stock Market में 2025 की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई जब सेंसेक्स 1300 अंक और निफ्टी 400 अंक तक लुढ़क गए। इस तेज़ गिरावट से केवल एक दिन में ₹7 लाख करोड़ से ज्यादा का मार्केट कैप मिट्टी में मिल गया।
निवेशक, ट्रेडर और म्यूचुअल फंड धारक — सभी के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दीं। लेकिन आखिर ऐसी तबाही क्यों आई?
1. चुनावी अनिश्चितता और राजनीतिक चिंता
मार्केट में सबसे बड़ी घबराहट की वजह बनी चुनावी नतीजों से जुड़ी अनिश्चितता। कई निवेशकों को डर है कि यदि स्थिर सरकार नहीं बनती या किसी अहम राज्य में उलटफेर हो गया, तो नीतिगत फैसले धीमे हो सकते हैं। इससे निवेश की गति थम सकती है।
2. विदेशी निवेशकों की बिकवाली (FII Sell-Off)
बीते कुछ दिनों में FII यानी Foreign Institutional Investors लगातार भारी मात्रा में भारतीय शेयर बेच रहे हैं। इससे न केवल बाजार पर दबाव बना, बल्कि रिटेल इन्वेस्टर्स में भी घबराहट फैल गई।
FII की बिकवाली का कारण ग्लोबल मनी फ्लो, डॉलर स्ट्रेंथ और US बॉन्ड यील्ड्स में उछाल रहा है।
3. ग्लोबल मार्केट से मिले कमजोर संकेत
अमेरिकी बाजारों में मंदी के संकेत, यूरोपीय सेंट्रल बैंक की ब्याज दर नीति में कड़ा रुख, और चीन की इकोनॉमी से जुड़ी कमजोर GDP ग्रोथ रिपोर्ट ने भी भारतीय बाजार पर असर डाला।
इसी के चलते ग्लोबल इन्वेस्टर्स ने उभरते बाजारों से पैसा निकालना शुरू किया।
4. IT और बैंकिंग सेक्टर में दबाव
शेयर बाजार की बड़ी गिरावट में सबसे ज्यादा चोट IT और बैंकिंग सेक्टर को लगी। Infosys, TCS, ICICI Bank, SBI जैसे दिग्गज स्टॉक्स में भारी गिरावट देखी गई, जिससे इंडेक्स खिंचकर नीचे आया।
IT सेक्टर में US recession का डर और बैंकिंग में NPA की नई आशंका प्रमुख वजहें रहीं।
5. हाई वैल्यूएशन पर प्रॉफिट बुकिंग
मार्केट पिछले कई महीनों से ऊंचाई पर था। कई मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स 52-वीक हाई पर ट्रेड कर रहे थे। ऐसे में निवेशकों ने मौका देखकर प्रॉफिट बुकिंग शुरू कर दी, जिससे दबाव और तेज़ हो गया।
निवेशकों के लिए क्या है सीख?
ऐसे मार्केट क्रैश में घबराना नहीं चाहिए, बल्कि लॉन्ग टर्म निवेशकों को अच्छे क्वालिटी वाले स्टॉक्स पर नजर रखनी चाहिए। जबरदस्त डिस्काउंट पर मिलने वाले शेयर लॉन्ग टर्म में शानदार रिटर्न दे सकते हैं।
स्मार्ट निवेशक इस गिरावट को अवसर के रूप में देख रहे हैं, ना कि डर के रूप में।
निष्कर्ष: शेयर बाजार में गिरावट किसी भी समय आ सकती है, लेकिन मजबूत पोर्टफोलियो, धैर्य और SIP जैसे टूल्स आपके वित्तीय लक्ष्य को सुरक्षित रखते हैं।इस गिरावट ने यह सिखाया कि बाजार हमेशा एक जैसा नहीं रहता, और समझदारी इसी में है कि आप डरें नहीं, बल्कि सोच-समझकर आगे बढ़ें।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी और एजुकेशनल उद्देश्य से प्रकाशित किया गया है। इसमें दी गई जानकारी विभिन्न मीडिया स्रोतों और पब्लिक डाटा पर आधारित है। किसी भी निवेश निर्णय से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह अवश्य लें। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है।
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