
Summer School Holidays: देशभर के लाखों सरकारी शिक्षक अब चैन की सांस ले सकते हैं। शिक्षा विभाग ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत अब गर्मी की छुट्टियों के दौरान शिक्षकों को अनावश्यक रूप से स्कूल ड्यूटी पर नहीं बुलाया जाएगा। यह निर्णय लंबे समय से शिक्षकों की मांग रही है और आखिरकार सरकार ने इस पर अमल करते हुए शिक्षक समाज को बड़ी राहत दी है।
क्या है नया नियम?
2025 से लागू होने वाले इस नियम के अनुसार:
- समर वेकेशन यानी मई-जून की छुट्टियों में नियमित स्कूल ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी।
- केवल उन्हीं शिक्षकों की ड्यूटी लगेगी जो स्वेच्छा से स्पेशल ट्रेनिंग, परीक्षा मूल्यांकन या विशेष प्रोजेक्ट में भाग लेना चाहें।
- कोई भी शिक्षक बाध्य नहीं होगा कि वह छुट्टियों के दौरान स्कूल आए, जब तक उसकी स्वीकृति न ली गई हो।
आदेश की मुख्य बातें
- गर्मी की छुट्टियों को शिक्षक भी आराम के रूप में लें – उनके मानसिक स्वास्थ्य व पुनर्जागरण के लिए यह जरूरी है।
- छुट्टियों में कोई प्रशासनिक दबाव नहीं होगा – DEO, BEO, और प्रिंसिपल स्तर पर सख्त निर्देश दिए गए हैं कि जब तक अपरिहार्य न हो, शिक्षकों को बुलाया न जाए।
- स्वैच्छिक प्रशिक्षण/कार्यशाला की अनुमति – यदि कोई शिक्षक रुचि रखते हैं, तो वे प्रशिक्षण ले सकते हैं, लेकिन यह बाध्यकारी नहीं होगा।
क्यों लिया गया यह फैसला?
- बीते कुछ वर्षों से कई राज्यों में शिक्षकों को समर वेकेशन के दौरान नियमित रूप से बुलाया जाता रहा है।
- शिक्षकों की यूनियन व संगठन कई बार इसका विरोध कर चुके थे कि इससे उनके पारिवारिक जीवन और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।
- शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षकों से फीडबैक लेकर यह महसूस किया कि उन्हें भी अन्य कर्मचारियों की तरह छुट्टियों का लाभ मिलना चाहिए।
किन राज्यों ने सबसे पहले लागू किया?
- राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में 2025 की गर्मी से पहले ही यह आदेश जारी हो चुका है।
- दिल्ली सरकार भी इसी दिशा में आगे बढ़ रही है, और वहां भी शिक्षकों को इस साल पूरी छुट्टी मिलने की संभावना है।
यह आदेश किन शिक्षकों पर लागू होगा?
- सभी सरकारी स्कूलों के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षक
- स्थायी और संविदा शिक्षक (अस्थायी पर यह राज्य की नीति पर निर्भर करेगा)
- प्रशिक्षण केंद्रों या राज्य शिक्षा संसाधन संस्थान से संबद्ध शिक्षक भी शामिल
शिक्षकों को क्या करना होगा?
- यदि कोई स्कूल या प्रिंसिपल छुट्टियों में बुलाने की कोशिश करता है, तो शिक्षक लिखित में आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।
- राज्य शिक्षा विभाग के पोर्टल पर हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए जा रहे हैं, जहां शिक्षक अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
इसका प्रभाव क्या होगा?
- शिक्षकों का मनोबल बढ़ेगा, जिससे नई सत्र की शुरुआत ऊर्जा से भरपूर होगी।
- शिक्षक परिवार के साथ समय बिता पाएंगे, जिससे निजी और पेशेवर जीवन में संतुलन आएगा।
- छात्रों को भी शिक्षकों का बेहतर मार्गदर्शन मिलेगा, जो रिचार्ज होकर नए सत्र में आएंगे।
सरकार का यह कदम निश्चित ही शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव की शुरुआत है। शिक्षकों को गर्मी की छुट्टियों में न बुलाने का यह फैसला न केवल उनके अधिकारों की रक्षा करता है, बल्कि एक उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रणाली की ओर भी इशारा करता है।
यदि आप एक शिक्षक हैं, तो यह समय है मुस्कुराने का। अब छुट्टियों का आनंद लें बिना किसी अतिरिक्त बोझ के। और अगर आप पैरेंट हैं, तो इस फैसले को सराहिए—क्योंकि एक खुश शिक्षक ही आपके बच्चे को बेहतर बना सकता है।
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